रमेश कुमार नाम के यह डॉक्टर हेनरी फोर्ड हॉस्पिटल के यूरॉलॉजी डिपार्टमेंट में काम करते थे. बीते सप्ताह उनका शव डेट्रॉयट शहर से करीब 90 मील दूर एक कार की पिछली सीट पर मिला.
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. रमेश कुमार के परिजनों का कहना है कि उन्हें किसी पर संदेह नहीं है और उन्हें नहीं लगता कि यह नस्लवादी हमला हो सकता है. हत्या के कारणों के बारे में पूछे जाने पर कुमार के पिता नरेंद्र कुमार ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, "हमें नहीं पता. वे (पुलिस) पता कर रहे हैं. पर हमें किसी पर शक नहीं है. हमें नहीं लगता है कि यह हेट क्राइम होगा."
डॉ. कुमार ने केरल में कोच्चि के अमृता इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज से पढ़ाई की थी. गुरुवार को वह अपनी ड्यूटी पर नहीं पहुंचे तो एक साथी डॉक्टर ने उनके घर फोन किया. कई घंटों की तलाश के बाद पुलिस को उनका शव बरामद हुआ.
डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका में भारतीय समुदाय, खासकर सिखों के खिलाफ हमलों में वृद्धि देखी जा रही है. कुछ हफ्तों पहले एक भारतीय इंजीनियर श्रीनिवास कुचिबोटला की एक पूर्व अमेरिकी सैनिक ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. कुछ दिन पहले फ्लोरिडाय में भी एक भारतीय मूल के परिवार की दुकान को जला दिया गया.