जब चर्च में जले दीवाली के दीये

आज हम एक ऐसी दीवाली के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जो ऑस्ट्रेलिया के बहुसांस्कृतिक समाज की छवि को और उजला करती है. ये ख़ास दीवाली मनाई जाती है नॉर्थ सिडनी के एक चर्च में. ये चर्च है नॉर्थ सिडनी का सेंट मैरीज़ चर्च.

Diwali in St Mary's Church North Sydney

Source: Gaurav Vaishnava

दीपावली एक प्रकाश पर्व है एक ऐसा पर्व जो दुनिया से अंधकार को मिटाने का संदेश देता है. एक ऐसा पर्व जो बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश देता है और ऐसे में जबकि दुनिया में आपसी सद्भाव को बढ़ाने की जरूरत महसूस होती हो तब ऑस्ट्रेलिया जैसे बहुसांस्कृतिक देश में दीवाली का पर्व लोगों को और पास लाने का ज़रिया बनता है.
Diwali in St Mary's Church North Sydney
Source: Gaurav Vaishnava
नॉर्थ सिडनी के सेंट मैरी चर्च में दीवाली

जी हां आज एक ऐसी दीवाली के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जो ऑस्ट्रेलिया के बहुसांस्कृतिक समाज की छवि को और उजला करती है. ये ख़ास दीवाली मनाई जाती है नॉर्थ सिडनी के एक चर्च में. ये चर्च है नॉर्थ सिडनी का सेंट मैरीज़ चर्च.

इस चर्च की विरासत काफी पुरानी है और उतनी ही खास है सामाजिक सद्भाव में इसके योगदान की दास्तान. यहां आने वाले लोगों में कई भारतीय समुदाय के लोग भी हैं.

खास बात ये है कि इस चर्च में पिछले कई सालों से दीवाली मनाई जाती है. और इसमें न केवल भारतीय समुदाय के लोग बल्कि ऑस्ट्रेलिया सहित दूसरे मुल्कों से ताल्लुक रखने वाले लोग भी शामिल होते हैं. तो चलिए आपको सुनाते हैं इस साल मनाई गई दीवाली का आंखों देखा हाल.
Diwali in St Mary's Church North Sydney
Source: Gaurav Vaishnava
कैसा था चर्च में दीवाली का नज़ारा.

इस ख़ास दीवाली को कवर करने के लिए जब एसबीएस की टीम वहां पहुंची तो चर्च का मुख्य हॉल में लोगों का आना शुरू हो गया था. भारतीय समुदाय से जुड़े लोग दीवाली के लिए पारंपरिक परिधानों में यहां पहुंचे थे. खास बात ये थी कि चर्च में काफी लोग एक दूसरे को नमस्ते कहकर स्वागत कर रहे थे, जिनमें गैर हिदी भाषी लोग भी थे.

अब हॉल खचाखच भर चुका था. पादरी फादर ज्योफो मीघर पहुंचे और प्रार्थना सभा की शुरूआत हुई. जिसमें यीशु से इस प्रकाश पर्व पर लोगों को सुख समृद्धि देने की कामना की गई. आपको बता दें कि फादर ज्योफो असम के हज़ारीबाग से यहां पहुंचे थे.
Diwali in St Mary's Church North Sydney
Source: Gaurav Vaishnava
फादर ज्योफो ने यहां मौजूद लोगों को दीवाली और इसके महत्व के बारे में बताया. इसके बाद यहां दीवाली के मौके पर समाज की सुख-समृद्धि के लिए मंत्रोच्चार किया गया. साथ ही गुजराती गायन भी हुआ.

दीवाली का ये मौका और भी ख़ास हो गया जब फादर ज्योफो को यहां मौजूद भारतीय समुदाय के लोगों ने गुजरात के प्रसिद्ध डांडिया नृत्य के साथ विदाई दी.


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Published 5 November 2018 2:04pm
By गौरव वैष्णव

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