सिडनी में दिवाली का संदेश पैरामैटा के रास्ते

सिडनी पैरामाटा के पैरामाटा पार्क में हिंदू काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया ने एक भव्य दीवाली मेले का आयोजन किया। दो दिन तक चले इस मेले में मनोरंजन के साधनों के अलावा लोगों ने दो संगीतमय शामों का भी आनंद लिया। यही नहीं कई राजनीतिक हस्तियों ने भी मेले में पहुंचकर रौशनी के त्यौहार दीवाली का संदेश लोगों तक पहुंचाया।

Diwali

Source: Gaurav Vaishnav/SBS

पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबोट ने समाज को भारतीय संस्कृति ये सीख लेने की सलाह दी। उन्होंने भारत को भविष्य की महाशक्ति भी करार दिया। न्यू साउथ वेल्स की प्रीमियर ग्लेडीज़ ने भी दीवाली को ऑस्ट्रेलिया का महत्वपूर्ण पर्व बताते हुए भारतीय समाज के मूल्यों की तारीफ की। उन्होंने आश्वासन दिया कि संस्कृतियों को जोड़ने वाले ऐसे आयोजनो को उनकी सरकार हमेशा प्रोत्साहित करती रहेगी।
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Source: Gaurav Vaishnav/SBS
ऑस्ट्रेलिया को मज़बूत करते हैं दीवाली जैसे त्यौहार- टर्नबल

उधर प्रधानमंत्री मेल्कम टर्नबल और नेता विपक्ष बिल शॉर्टन ने भी अपने प्रतिनिधियों के ज़रिए अपना संदेशा भिजवाया, प्रधानमंत्री ने कहा कि दीवाली जैसे त्यौहार न केवल असत्य पर सत्य की विजय जैसे संदेश देते हैं बल्कि ऑस्ट्रेलिया जैसे बहुसंस्कृति वाले देश को और मज़बूत करने का काम करते हैं।

सबको दीवाली की शुभकामनाएं- बिल शॉर्टन

उधर नेता विपक्ष बिल शॉर्टन ने अपने संदेश में कहा कि दीवाली जैसे त्यौहार हमारे अंदर ऊर्जा का संचार करते हैं। और समाज में हमारे दायित्व की अहमियत समझाते हैं।

 

इन सबके बीच एक खास संबोधन था एमपी जूलियन का। भारतीय परिधान पहनकर आए जूलियन ने अपना संबोधन भी हिंदी भाषा में किया। और सभी को दीवाली की शुभकामनाएं दी। जूलियन अकेले नहीं थे जो दीवाली के इस मौके पर भारतीय परिधान में दिखे, स्ट्रेथफील्ड से एमपी जोडी मैके भी खूबसूरत साड़ी में दिखाई दीं।

मंच पर मौजूद सभी राजनीतिक हस्तियों का हिंदू काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया के अध्यक्ष प्रोफेसर निहाल ने धन्यवाद किया साथ ही काउंसल जनरल ऑफ इंडिया बी.वनलालवावना ने इस तरह के आयोजनों को खास बताया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भी बिखेरे रंग

दो दिन तक चले दीवाली मेले में बच्चों से लेकर बड़ो तक सभी के इंटेरेस्ट की चीज़ें मौजूद थीं। खाने पीने के स्टॉल्स हो या फिर रंग बिखेरते बच्चे सभी यहां इन्ज़ॉय कर रहे थे। लेकिन इस मेले का खास आकर्षण रहा। रंगा रंग कार्यक्रम जिसमें भारत के क्लासिकल संगीत और नृत्य की महक भी थी तो एक डांस कम्पीटीशन को जीतने की स्वस्थ स्पर्धा भी। यूं तो कई मायनों में ये आयोजन खास था लेकिन जैसा कि मंच से बोलती आवाज़ें बता रही थी कि ऐसे आयोजन आस्ट्रेलिया की मल्टीकल्चर छवि को और मज़बूत करने के लिए ज़रूरी हैं।


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Published 16 October 2017 10:42am

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