नील डेवी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट हैं. उन्होंने एक डिवाइस तैयार की है जो मलेरिया का पता लगा सकती है.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने खबर दी है कि हर साल लाखों लोगों की जान लेने वाली घातक बीमारी मलेरिया की जांच और बेहतर इलाज के लिए भारतीय मूल के नील डेवी अपने तीन और साथियों के साथ एक प्रोजेक्ट पर महीनों से काम कर रहे थे. उनके साथ भारतीय मूल के ही मिराज सिंह के अलावा पेरू के मार्को मलाया और फाब्रिको एस्पिनोजा भी काम कर रहे थे.
पीटीआई के मुताबिक इन चारों ने मिलकर एक डिवाइस बनाई है जिसे UniDx नाम दिया गया है. यह यूनिवर्सल डायगनॉस्टिक्स शब्द से आया है. यह डिवास हाथ में उठाए जा सकने लायक छोटी और हल्की है. इसका फायदा यह है कि अब मलेरिया की जांच के लिए भारी भरकम मशीनों से होने वाले महंगे टेस्ट से बचा जा सकता है.
इसी उपलब्धि के बारे में बात करने के लिए नील डेवी को 20 मई को पैरिस में टेड टॉक के लिए बुलाया है. इस टॉक के बाद डेवी और उनकी टीम भारत जाएगी और इस तकनीक को वहां काम करने वाले कार्यकर्ताओं को दे देगी.